पूरे भारत में मौसम का हाल और आगामी पूर्वानुमान


पूरे भारत में मौसम का हाल और आगामी पूर्वानुमान

भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी और पूर्वानुमान

आने वाले दिनों में भारत के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के साथ भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। आइए क्षेत्रवार जानें कहाँ-कहाँ मौसम का मिज़ाज बदलने वाला है।


पूर्वी और मध्य भारत

  • ओडिशा, छत्तीसगढ़ (22 से 27 सितम्बर), बिहार (23 व 24 सितम्बर), झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल (23 से 25 सितम्बर), पश्चिम मध्य प्रदेश (23 सितम्बर), पूर्वी मध्य प्रदेश (24 सितम्बर), विदर्भ (24 से 27 सितम्बर) में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।

  • ओडिशा (23 से 26 सितम्बर), गंगीय पश्चिम बंगाल व झारखंड (23 सितम्बर) और छत्तीसगढ़ (24 व 25 सितम्बर) में बहुत भारी वर्षा भी हो सकती है।

  • साथ ही, तेज़ हवाएँ (30-40 किमी/घंटा) चलने की संभावना है।


पश्चिम भारत

  • महाराष्ट्र के मध्य क्षेत्र और मराठवाड़ा में अगले सात दिनों तक कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है, सिवाय 24 सितम्बर के।

  • कोंकण और गोवा में 25 से 29 सितम्बर तक तथा गुजरात में 23 और 27-29 सितम्बर के दौरान बारिश के साथ भारी वर्षा की चेतावनी है।

  • कोंकण-गोवा और मध्य महाराष्ट्र में 26 से 29 सितम्बर तक तथा मराठवाड़ा में 27 सितम्बर को बहुत भारी वर्षा की संभावना है।


पूर्वोत्तर भारत

  • असम और मेघालय (23, 24 व 29 सितम्बर) तथा नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा (23 व 24 सितम्बर) में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।


दक्षिण भारत

  • आंध्र प्रदेश और यानम, तेलंगाना (22 से 28 सितम्बर), तमिलनाडु (25 से 27 सितम्बर), केरल और माहे (25 से 28 सितम्बर), रायलसीमा और तटीय कर्नाटक (26 व 27 सितम्बर), उत्तरी आंतरिक कर्नाटक (26 से 28 सितम्बर) में वर्षा के आसार हैं।

  • विशेषकर तटीय आंध्र प्रदेश, यानम और तेलंगाना (26 व 27 सितम्बर) में बहुत भारी वर्षा की संभावना है।

  • साथ ही, तटीय आंध्र प्रदेश, यानम और रायलसीमा में 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज़ हवाएँ चल सकती हैं।


🌧️ निष्कर्ष

आने वाले दिनों में देश के कई हिस्सों में मौसम सक्रिय रहेगा। खासकर पूर्वी भारत, पश्चिमी तटीय क्षेत्र, दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी से बहुत भारी वर्षा का खतरा है। लोगों को सलाह है कि यात्रा के दौरान सावधानी बरतें, निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति से बचें और स्थानीय मौसम चेतावनियों पर ध्यान दें।

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