मौसम अपडेट: दक्षिण भारत और अरब सागर के ऊपर बने चक्रवाती तंत्र से अगले दिनों में भारी बारिश की संभावना
अरब सागर में बन रहा नया निम्न दाब क्षेत्र
अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी हिस्से और इसके पास स्थित लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर ऊपरी वायुमंडल में चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जो लगभग 5.8 किमी की ऊँचाई तक फैला है। इसके प्रभाव से 18 अक्टूबर के आसपास केरल-कर्नाटक तट के समीप एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) बनने की संभावना है। इसके बाद यह सिस्टम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए अगले 48 घंटों में और गहरा हो सकता है।
दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में बारिश का दौर जारी रहेगा
17 से 23 अक्टूबर के बीच तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है।
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तमिलनाडु, केरल और माहे में 17 से 21 अक्टूबर तक बारिश तेज रहेगी।
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दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तटीय कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, यानम और रायलसीमा में 17 से 19 अक्टूबर के बीच मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।
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लक्षद्वीप क्षेत्र में 17 से 21 अक्टूबर के दौरान लगातार बारिश बनी रहेगी।
इसके अलावा क्षेत्र में अगले 5 दिनों तक बिजली चमकने और 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएँ चलने की संभावना है।
पश्चिम भारत में भी बारिश के आसार
कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में 18 से 20 अक्टूबर तक गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई गई है।
आगामी मौसम पर नजर
18 अक्टूबर के बाद अरब सागर में सक्रिय यह सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा। वहीं, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व भाग में 24 अक्टूबर के आसपास एक और निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है, जो आगे चलकर और सक्रिय हो सकता है।
🔹 मुख्य बिंदु:
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अरब सागर में नया निम्न दबाव क्षेत्र बनने के संकेत।
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दक्षिण भारत में अगले 5 दिनों तक गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ बारिश।
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24 अक्टूबर के बाद बंगाल की खाड़ी से एक और सिस्टम के सक्रिय होने की संभावना।
🌧️ निष्कर्ष:
दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप के निवासियों को आने वाले दिनों में भारी बारिश से सतर्क रहने की जरूरत है। मौसम विभाग के अनुसार, यह वर्षा गतिविधियाँ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से बने सिस्टमों के कारण बढ़ सकती हैं।
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